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अच्छे दिन और महंगे बिल

Bebaak Bol
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“कुछ तो फूल खिलाये हमने,और कुछ फूल खिलाने है मुश्किल यह है बाग़ में अब तक,कांटे कई पुराने है” इन पंक्तियों के साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषढ़ की शुरुवात की/ इन पंक्तियों के सहारे वित्त मंत्री ने यूपीए के कार्यकाल पर ठीकरा फोड़ते हुए तीर चलाये/ एनडीए के पहले पूर्ण बजट पर गौर फरमाये तो नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषढ़ और अरुण जेटली के बजट के तथ्यो मे कुछ अंतर्विरोध प्रतीत होता है/ क्योकि चुनावी विज्ञापनों मे भी बीजेपी ने मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए मंहगाई को अपना मुख्य हथियार बनाया था परन्तु अब मोदी सरकार के बजट से जो मंहगाई बढ़ेगी उससे मध्यम वर्ग अपने को ठगा हुआ मासूस करेगा/
मंहगाई के बढ़ने का मुख्य कारण सर्विस टैक्स मे बढ़ोतरी का है जो १२.37% से बढ़कर १४% हो गया है/ जिससे मध्यम वर्ग पर लगभग २% अधिक भार की छाया पड़ जाएगी/ रोजमर्रा के चीजो पर इसका असर दिखेगा चाहे अस्पताल जाना हो या रेस्टोरेंट,सिनेमा हॉल जाना हो या ब्यूटी पार्लर, जिम जाना हो या ड्राई क्लीनिंग कराने, टेलीफोन बिल देना हो या इंटरनेट, क्रेडिट कार्ड का बिल हो या वाई- फाई हर एक जगह इस मंहगाई की मार पड़ने वाली है/ सरकार द्वारा उठाये जाने वाले किसी भी कदम से तुरंत फायदा होता नहीं दिख रहा है/ बल्कि मध्यम वर्ग को वित्त मंत्री ने पेंशन छूट के जरिये सीधे तोर पर यह सन्देश दिया है की फायदा चाहिए तो निवेश करो/
दूसरी तरफ बजट मे गरीब तबके को बहुत कुछ मिला है जैसे – दुर्घटना बीमा, ५३०० हजार करोड़ पीएम सिचाई योजना के लिए किसानो को ८.५ लाख करोड़ कर्ज देने का लछ्य, हर गाँव मे चिकित्सा योजना,किसानो का नेशनल मार्केट,जीवन जयोति बीमा, मनरेगा के लिए १४६०० करोड़ , स्वछ भारत मिशन के तहत ६ करोड़ टॉयलेट, अल्पसंख्यक युवाओ के लिए ‘मंजिल’ योजना, ‘सेतु’ स्वरोजगार प्रतिभा योजना एवं गरीबो के लिए ४ नयी योजनाओ के तहत सरकार ने एक बेहतर भविष्य के अपने इरादे को प्रखर किया है एवं कॉरपोरेट टैक्स ३०%से घटाकर २५% कर कॉरपोरेट जगत भी खाली हाथ नहीं रखा है/
वर्तमान समय मे इस बजट से आम आदमी की जेब कुछ हद तक जरूर कट रही है परन्तु बजट के दूसरे पहलू पर नजर डाले तो सोचा जा सकता है की वित्त मंत्री ने इस बजट के माध्यम से देश की संघर्ष करती अर्थवयवस्था को मरहम लगाने की कोशिश की है/ अच्छे दिन का तो पता नहीं परन्तु भविष्य मे अच्छे दिन की उम्मीद अवश्य जगी है/ उम्मीद है की अगले बजट मे बेहतर भविष्य और ‘अच्छे दिन’ का दरवाजा सबके लिए खुलेगा फिलहाल वर्तमान मे मोदी जी ने इशारो मे कह दिया है की ‘अच्छे दिन के लिए अभी इन्तजार करो’!!!

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